डिजिटल गिरफ्तारी: नई साइबर क्राइम का उभार
Digital Arrest: The Emerging Cyber crime Threat in India
डिजिटल गिरफ्तारी: नई साइबर क्राइम का उभार
डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) क्या है?
डिजिटल गिरफ्तारी एक नई प्रकार की साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें अपराधी खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी (जैसे पुलिस, CBI, या कस्टम अधिकारी) के रूप में पेश करते हैं। वे पीड़ित को फोन या वीडियो कॉल पर संपर्क करते हैं और बताते हैं कि उनका नाम किसी गंभीर अपराध (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी) में शामिल है। पीड़ित को डराया जाता है कि उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है और उन्हें जुर्माने या बेल की रकम भरने का निर्देश दिया जाता है।
कैसे काम करता है यह धोखाधड़ी?
आरोपी पीड़ित के सामने नकली आईडी कार्ड, फर्जी फोन नंबर और कानूनी दस्तावेजों का उपयोग करते हैं ताकि यह पूरा मामला सच्चा लगे। वे पीड़ित से उसकी बैंक जानकारी या व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं और उसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। अगर पीड़ित संकोच करता है, तो उसे तत्काल गिरफ्तारी या सार्वजनिक अपमान की धमकी दी जाती है, जिससे वह दबाव में आकर पैसा ट्रांसफर कर देता है।
उदाहरण
हाल ही में, एक डॉक्टर से 59.54 लाख रुपये की ठगी की गई, जब उसे बताया गया कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल है। उसे वीडियो कॉल पर एक नकली पुलिस अधिकारी ने डिजिटल रूप से “गिरफ्तार” किया और पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया।
कैसे बचें?
1. किसी भी कॉल या संदेश की सच्चाई को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करें।
2. कभी भी अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी अनजान लोगों से साझा न करें।
3. सरकारी वेबसाइट्स से प्राप्त आधिकारिक संपर्क नंबरों का उपयोग करके कॉल की पुष्टि करें।
4. ऐसे मामलों में त्वरित निर्णय लेने से बचें और पुलिस को तुरंत रिपोर्ट करें।
2024 में कितने मामले?
सिर्फ जून से अगस्त 2024 के बीच, दिल्ली-एनसीआर में 600 से अधिक डिजिटल गिरफ्तारी के मामले सामने आए हैं, जिनमें प्रत्येक में औसतन 20 लाख रुपये की ठगी की गई है। यह साइबर अपराध का एक बड़ा और तेजी से बढ़ता हुआ रूप है
source : https://www.indiatoday.in/india-today-insight/story/why-indians-are-falling-easy-prey-to-digital-arrest-2601475-2024-09-17