Moral Stories in Hindi

बाबा नीम करोली जी की सच्ची कहानी

बाबा नीम करोली जी

बाबा नीम करोली जी की सच्ची कहानी

बाबा नीम करोली जी, जिन्हें बाबा नीम करौली बाबा, नीम करौली महाराज या महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है, 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली और पूज्य संतों में से एक थे। उनके अद्वितीय चमत्कारों, करुणा, और प्रेम ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ और उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया। उनका असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था और उनका जन्म 1900 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था।

बाबा नीम करोली जी के जीवन की कई घटनाएँ उनके अनुयायियों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं, जिनमें से एक घटना उनकी चमत्कारी शक्तियों का प्रमाण देती है। यह घटना 1958 की है जब बाबा ने एक छोटे से गाँव नीम करौली में अपनी लीलाओं से लोगों को प्रभावित किया।

चमत्कारिक घटना: ट्रेन और बाबा

बाबा नीम करोली जी का एक चमत्कारिक अनुभव उस समय का है जब वे एक ट्रेन यात्रा पर थे। वे अपनी साधारण धोती और कम्बल में लिपटे हुए ट्रेन के एक डिब्बे में बैठे थे। ट्रेन के टिकट कलेक्टर ने जब उनसे टिकट मांगा तो बाबा के पास टिकट नहीं था। टिकट कलेक्टर ने बाबा को ट्रेन से उतरने के लिए कहा। बाबा ने चुपचाप ट्रेन से उतरकर एक पेड़ के नीचे बैठ गए।

ट्रेन के सभी डिब्बे बाबा की ओर देखते हुए आगे बढ़ने लगे, लेकिन थोड़ी ही दूरी पर जाकर ट्रेन अचानक रुक गई। ट्रेन का इंजन बार-बार प्रयास करने के बाद भी आगे नहीं बढ़ सका। चालक दल ने इंजन की जांच की लेकिन कोई यांत्रिक समस्या नहीं मिली। ट्रेन का चालक, गार्ड और अन्य कर्मचारी असमंजस में पड़ गए और उन्होंने फिर से इंजन को चालू करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।

इस बीच, गाँव के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने यह घटना देखी और उन्होंने ट्रेन के कर्मचारियों को बताया कि यह बाबा नीम करोली जी का चमत्कार हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि बाबा से माफी मांगी जाए और उन्हें ट्रेन में वापस बुलाया जाए। ट्रेन के कर्मचारी बाबा के पास पहुंचे और उनसे माफी मांगी।

बाबा ने माफ करते हुए कहा, “ठीक है, अब ट्रेन चल जाएगी।” जैसे ही बाबा ट्रेन में वापस आए, ट्रेन ने तुरंत चलना शुरू कर दिया। यह घटना बाबा की दिव्य शक्तियों का प्रमाण बनी और उन्हें नीम करौली बाबा के रूप में प्रसिद्धि मिली। इसके बाद, लोगों ने बाबा को महान संत और दिव्य आत्मा मानते हुए उनकी पूजा शुरू की।

बाबा नीम करोली जी के अन्य चमत्कार

बाबा नीम करोली जी के जीवन में ऐसी अनेक घटनाएँ हुईं जिन्होंने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। एक और प्रसिद्ध घटना है जब बाबा ने अपने अनुयायियों को भोजन प्रदान करने के लिए चमत्कार किया।

कंचनजंगा का चमत्कार

एक बार बाबा के एक भक्त, जिनका नाम राम दास था, हिमालय में कंचनजंगा की यात्रा पर गए थे। वहाँ, एक दिन राम दास गहरे ध्यान में थे और उन्हें बहुत ठंड महसूस हो रही थी। अचानक, उन्हें बाबा नीम करोली जी की उपस्थिति का अनुभव हुआ। बाबा ने उन्हें एक कम्बल दिया और कहा, “यह कम्बल तुम्हें गर्म रखेगा।” राम दास ने अपनी आँखें खोलीं और पाया कि सचमुच एक कम्बल उनके पास था, जो उन्हें गर्म रख रहा था। यह घटना बाबा की दिव्य शक्तियों का एक और उदाहरण थी।

कैंची धाम की स्थापना

1962 में बाबा नीम करोली जी ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले में कैंची धाम आश्रम की स्थापना की। यह आश्रम बाबा के अनगिनत चमत्कारों और लीलाओं का केंद्र बना। बाबा ने यहाँ पर भक्तों की सेवा की और उन्हें आत्मज्ञान की राह दिखाई। आज भी कैंची धाम हजारों श्रद्धालुओं का पवित्र स्थल है, जहाँ लोग बाबा के आशीर्वाद और दिव्य शक्तियों का अनुभव करने आते हैं।

बाबा का प्रेम और करुणा

बाबा नीम करोली जी की सबसे विशेष बात उनका अनंत प्रेम और करुणा थी। वे हमेशा अपने अनुयायियों की समस्याओं का समाधान करते थे और उन्हें सही मार्ग दिखाते थे। बाबा ने कभी भी किसी से भेदभाव नहीं किया और सभी को समान रूप से प्रेम दिया। उनका कहना था, “सभी में ईश्वर का अंश है, इसलिए सभी से प्रेम करो।”

बाबा का सिद्धांत

बाबा नीम करोली जी ने हमेशा सरल जीवन और उच्च विचार का पालन किया। उनका मानना था कि सच्ची भक्ति और सेवा ही मनुष्य को ईश्वर के निकट ले जाती है। बाबा ने अपने अनुयायियों को सिखाया कि आत्म-ज्ञान और आत्म-संयम के माध्यम से ही सच्ची शांति प्राप्त की जा सकती है।

बाबा का महाप्रयाण

11 सितम्बर 1973 को बाबा नीम करोली जी ने महासमाधि ली और भौतिक शरीर को त्याग दिया। लेकिन उनकी दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद आज भी उनके अनुयायियों के साथ है। बाबा के अनुयायी आज भी उनके बताए मार्ग पर चलने की कोशिश करते हैं और उनके उपदेशों का पालन करते हैं।

निष्कर्ष

बाबा नीम करोली जी का जीवन हमें प्रेम, करुणा और भक्ति का सच्चा अर्थ सिखाता है। उनके चमत्कार और लीलाएँ यह दर्शाती हैं कि सच्ची भक्ति और सेवा के माध्यम से ही ईश्वर की कृपा प्राप्त की जा सकती है। बाबा नीम करोली जी का जीवन एक प्रेरणा है जो हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। उनके अनुयायी हमेशा उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की प्रार्थना करते हैं और उन्हें अपने जीवन में ईश्वर के रूप में मानते हैं।

The content on this website is for informational purposes only and may not be complete or accurate. We are not responsible for any actions taken based on this information; use it at your own risk. For any copyright issues related to this content, please email us at hello@wowbuzz.in.

Back to top button